पति पत्नि


शुक्र मनाओ प्रेम से

जीवन कट जाये साथ

आज जमाना और है

बांटो पत्नी का हाथ।


बर्तन और कपड़े धोना

है मामूली सी बात

झाड़ू और पोंछा भी मारो 

है सात जन्म का साथ।


जरा सोचो, सोचो, सोचो 

पर न नोचो अपने बाल 

गलती से भी न पंगा लेना 

वरना मचेगा बड़ा बवाल।


आज बदल रहीं परंपराएं 

आ रहे जीवन में भूचाल

ड्रम वाला ड्रामा न करना 

अपने को रखिए संभाल।


आजकल के रिश्ते बेढव 

और बेढव हैं तौर तरीके

गिरगिट जैसे बदल रहे हैं

उनके रंग हो रहे फीके।


-शन्नो अग्रवाल


No comments:

Post a Comment

Featured Post

महावीर तपोभूमि उज्जैन में द्वि-दिवसीय विशिष्ट विद्वत् सम्मेलन संपन्न

उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...

Popular