अनिता रश्मि
वे नामी पशु प्रेमी! अनेक पुरस्कारों से सज्जित, अनेक संस्थाओं से सम्मानित! घर में सम्मान पत्रों से दीवारें अटीं पड़ीं। समाचार पत्रों की कतरनों से कबर्ड भरा-पूरा।
उस दिन रास्ते में कई लोग मिलकर एक व्यक्ति की मरम्मत कर रहे थे। वह चिल्ला रहा था। रिरियाहट, गिड़गिड़ाहट उसकी आवाज़ में
"छोड़ दो।...हमको छोड़ दो। अब ऐसा नहीं करेंगे।...मेरा बच्चा भूखा था, इसलिए ब्रेड लिया था। मत मारो। हम बहुत दूर से भूखे-पियासे पैदल चलकर आ रहे हैं।"
सामने ब्रेड कुचला पड़ा था। और भी कुचलनेवाले पाँव उस पर पड़ रहे थे। उन्होंने देखा, आगे बढ़ गए।
बढ़ते गए, आवाजों को अनसुना कर। थोड़ी ही दूर पर बिल्ली का एक बच्चा नाली में गिरा नजर आया। कुछेक क्षणों बाद उसे नाली से बाहर निकालते हुए वे सेल्फी पर सेल्फी ले रहे थे।
अनिता रश्मि
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