विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित 'श्रीमती अनीता प्रभाकर स्मृति कहानी प्रतियोगिता'- तृतीय (2025-26))


श्रीमती अनीता प्रभाकर विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान की पूर्व न्यासी रहीं। वे प्रसिद्ध साहित्यकार श्री विष्णु प्रभाकर की ज्येष्ठ पुत्री थीं। हिंदी में स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने के बाद वे हिंदी की प्राध्यापिका रहीं। उन्होंने  अनेक कहानियों, कविताओं आदि की रचना करते हुए हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। 


उक्त कहानी प्रतियोगिता के प्रमुख नियम निम्न प्रकार होंगे—

1- इस प्रतियोगिता में सभी आयु वर्ग के कथाकार भाग ले सकेंगे।

2- कहानी मूलतः हिंदी में लिखी होनी चाहिए न कि किसी अन्य भाषा से अनूदित की गई हो।

3- कहानी बोलचाल की हिंदी में लिखी गयी हो तथा यह ध्यान रखा गया हो कि उसमें अन्य भाषा के शब्दों का धाराप्रवाह प्रयोग न हो।

4- रचनाकार की मौलिक और अप्रकाशित कहानी ही प्रतियोगिता के लिए मान्य होगी।

5- प्रतियोगिता हेतु प्रेषित कहानी के किसी व्यक्ति, समूह अथवा क्षेत्र विशेष से सम्बन्धित न होने, मौलिक होने, मूलतः देवनागरी हिंदी में लिखे जाने तथा प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किए जाने की तिथि तक किसी भी माध्यम में प्रकाशित/प्रसारित न किए/कराने का शपथ-पत्र लेखक को कहानी के साथ अलग से देना होगा ।

6- कहानी का विषय मानव एवं राष्ट्रीय जीवन मूल्यों के अन्तर्गत हो। मूल्यहीनता की बात करने वाले एवं उसको बढ़ावा देने वाले विषय स्वीकार नहीं किए जाएँगे।

7-- कहानी न्यूनतम लगभग 2000 व अधिकतम लगभग 5000 शब्दों की हो। 

8-  कहानी यूनिकोड मंगल फोंट में अथवा कृतिदेव 10 फोंट में वर्ड की फाइल / Pdf  में 14 फोंट साइज में लाइन स्पेस 1.5 में टाइप की गयी हो। 

9- प्रतियोगिता हेतु भेजने से पहले कहानी की वर्तनी, व्याकरण चिह्न आदि को ठीक प्रकार से जाँच लें। किसी भी प्रकार की अशुद्धि को कहानी के प्रस्तुतीकरण की कमजोरी ही माना जाएगा।

10- कहानी की फाइल में कहीं भी लेखक अपना नाम, पता, मोबाइल अथवा फोन नम्बर तथा ई-मेल या कोई पहचान चिह्न नहीं लिखेंगे। ये सब सूचनाएँ कहानी का शीर्षक बताते हुए ई-मेल के बोर्ड पर पेस्ट करनी होंगी।

11- कहानी भेजने की अन्तिम तिथि -'31 दिसम्बर 2025'  है। इसके बाद प्राप्त कहानियों को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा।

12- कहानी प्रतियोगिता का परिणाम मार्च 2026 में फेसबुक व वाट्सएप समूहों के माध्यम से घोषित किया जाएगा।

13- प्राप्त कहानियों को प्रतियोगिता में तीन चरणों से गुजारा जाएगा—

(अ)   एक, कोडिंग—ई-मेल से प्राप्त समस्त कहानियों को एक निश्चित कोड नम्बर दिया जाना। 

(आ) दो, प्रथम पाठ—समस्त कहानियों का प्रथम पाठ संस्था के सक्षम सदस्यों द्वारा करके उपयुक्त कहानियों को ही निर्णायकों तक पहुँचाना।

(इ)   तीन, निर्णायक पाठ—निर्णायक के रूप में आमंत्रित कहानी विशेषज्ञों को कहानियाँ भेजना तथा उनके माध्यम से कथ्य की प्रकृति, उसका समसामयिक अथवा ऐतिहासिक महत्व, भाषा-शैली, संवाद योजना आदि की दृष्टि से प्रत्येक कहानी पर अंक प्राप्त करना।

(ई) अन्तिम अंक तालिका—प्राप्त अंकों के आधार पर प्रत्येक कहानी का स्तर निर्धारित किया जायेगा। 

14- विजेता कथाकारों को सम्मान स्वरूप निम्न उपहार दिये जाएँगे—

(अ)   प्रथम पुरस्कार—रुपये 11,100/-

(आ)   द्वितीय पुरस्कार— रुपये 7,500/-

(इ)     तृतीय पुरस्कार— रुपये 5,100/-

(ई)     पाँच सांत्वना पुरस्कार— रुपये 3,100/- प्रत्येक

15- पुरस्कार योग्य अधिक कहानियों का चयन होने की दशा में सम्बन्धित वर्ग की पुरस्कार राशि को विजेता कहानीकारों के बीच बराबर-बराबर बाँट दिया जाएगा।

16- चयनित कहानियों के बारे में संस्था द्वारा नियोजित निर्णायकों का निर्णय अन्तिम माना जाएगा जो कि सभी प्रतिभागियों को मानना होगा।

17- पुरस्कृत घोषित सभी कहानीकारों को दिल्ली में आयोजन कर सम्मानित करने की योजना रहेगी तथापि इस पर निर्णय समय के अनुकूल बाद में ही लिया जा सकेगा। 

18- यदि सम्मान समारोह किसी कारण-विशेष की वजह से आयोजित नहीं किया जा सका तो सम्मान पत्र एवं सम्मान राशि का प्रेषण विजेताओं को सीधे कर दिया जाएगा।

19- इस आयोजन से संबंधित सभी निर्णय लेने का अधिकार विष्णु प्रभाकर  प्रतिष्ठान न्यास को होगा, अन्य किसी को नहीं।

20- सभी पुरस्कृत कहानियों का एक साझा संकलन  प्रकाशित किया जाएगा ।

21- प्रतियोगी अपनी कहानियाँ प्रतिष्ठान के ई-मेल  --

vishnuprabhakarpratishthan@gmail.com

अथवा कार्यालय के पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा भेजें । प्रतिष्ठान का पता ..

विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान 

ए - 249, सेक्टर  - 46,

नोएडा - 201303

निवेदक

अतुल कुमार (मंत्री) 

 नवीन कुमार गोयल (अध्यक्ष)                                

विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान


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