भ्रष्ट नौकरशाही से पूरा साम्राज्य हिला हुआ है
पूरे सिस्टम को इस बिमारी ने मजबूती से जकड़ा हुआ है
निर्णय कितने भी मजबूत हो परिणाम उसका शुन्य ही होगा
क्रियान्वयन पर भ्रष्टाचार का बेखौफ़ राज क्योंकि हावी होगा
सरकारी ऑफ़िस घूसखोरी का मजबूत अड्डा बन चुका है
आम आदमी से इन घूसखोरों का सिर्फ पैसा कमाने का अच्छा खासा रिश्ता बन चुका है
इन भ्रष्ट नौकरशाहों को काम कुछ भी नही आता
पैसा कैसे निकालना है ये हुनर ही इनको खूब आता
नौकरशाही आज देश की तरक्की मे एक बड़ी बाधा है
योग्य इमानदारों से अयोग्य बैइमानों की संख्या कई ज्यादा है
एक सौ चालीस करोड़ आबादी वाला देश आज पिछड़ों की क्ष्रेणी मे अव्वल है
नौकरशाही का आलम है कि क्यों करे काम आज अभी पड़ा भी कल है
इमानदारी अब इनके बस से बाहर हो गई
दुनियादारी भाड़ मे गई पैसा ही अब ईमान हो गई
भूख पैसे की इस कदर हावी है कि अपनो को ही लूटने आमादा है
देश समाज परिवार अब सरेराह कौड़ियों के भाव बिकने वादा है
देश की नौकरशाही भ्रष्ट और बैईमान हो तो ईश्वर ही देश का पालनहार है
इंसानी हुकुमत फैल है देश का और कोई नही तारणहार है
संदीप सक्सेना
जबलपुर म प्र
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