काश की हमारे देश के हर गाँव, शहर में ऐसी पहल हो और उसको सभी ईमानदारी से माने तो कितना अच्छा हो।कितनी ही कुरीतिया समाप्त हो जाएं।कुछ बातें जो मुझे बहुत तकलीफ़ देती थी जिनमें कई बार सगे भाइयों का एक दूसरे को माँ-बहन की गाली देना।किसी के द्वारा भी कहीं भी आपस में गाली सुनकर बहुत बुरा लगता था।आपसी लड़ाई में कोई भी गाली क्यों देना, खासकर माँ-बहन को बीच में क्यों लाना।विधवाओं के साथ भेदभाव, बच्चों की मोबाइल के पीछे दीवानगी,बाल मजदूरी।अभी हाल ही में महाराष्ट्र के सोंदाला अहिल्या नगर (अहमदनगर) गांव ने महिलाओं की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए 24 नबम्बर 2024 को गाली देने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है।ग्राम पंचायत ने यह ठराव सर्वसम्मति से पारित किया। महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
ग्राम पंचायत के सरपंच शरद अडागले ने बताया कि यह फैसला महिलाओं के आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है।यह नियम इसलिए पारित किया गया ताकि लोग गाली देने से पहले सोचें और अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें।अपशब्दों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला और अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।महाराष्ट्र के इस गांव में बातचीत के दौरान गाली-गलौच करना आपको भारी पड़ सकता है। क्योंकि यहां पर गांववालों ने गालियों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का संकल्प लिया है। अरगडे ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि जो लोग ऐसी भाषा का उपयोग करते हैं वे भूल जाते हैं कि वे माताओं और बहनों के नाम पर जो कहते हैं वह उनके अपने परिवार की महिला सदस्यों पर भी लागू होता है।
महिलाओं के सम्मान पर बात करते हुए अरगडे ने कहा कि हमारे गांव में पहले भी महिलाओं के आत्मसम्मान को ध्यान में रखते हुए सामाजिक रूढ़िवादी कुरीतियों के खिलाफ फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि हम विधवाओं को सामाजिक और धार्मिक अनुष्ठानों तथा रीति-रिवाजों में शामिल करते हैं। इसके अलावा हमारे गांव में पति की मृत्यु के बाद महिलाओं का सिंदूर हटाना, मंगलसूत्र उतारना और चूड़ियां तोड़ना भी प्रतिबंधित है।
अरगड़े ने बताया कि हमारी गांव की यह बातें किसी भी तरह से हवा-हवाई नहीं है। ग्रामवासी इन सभी फैसलों का सम्मान करते हैं और उन्हें मानते भी है। 2007 में हमारे गांव को विवाद-मुक्त गांव होने का राज्यस्तरीय पुरस्कार भी मिला था। सौंदाला गांव की ग्राम पंचायत ने बाल मजदूरी, गाली-गलौज और मोबाइल की लत को रोकने के लिए अनूठी पहल की है।अब अगर कोई भी व्यक्ति गाली-गलौज करता हुआ पाया गया, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।सौंदाला ग्राम पंचायत ने हाल ही में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था और 2 दिसंबर से गांव में इस नियम का पालन हो रहा है। निवासियों को इसकी जानकारी के लिए पूरे गांव में बैनर लगाए गए हैं।इसके अलावा, गाली देने वालों को कैमरे में कैद करने के लिए गांव के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं।नेवासा तालुका के सौंदाला गांव में हाल ही में आयोजित ग्राम सभा में गांव के लोगों के साथ-साथ बाहरी लोगों को भी गाली-गलौज न करने की चेतावनी दी गई है। यह निर्णय लिया गया है कि मां-बहनों सहित दूसरों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
मोबाइल की लत स्कूली छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर डाल रही है, इसलिए ग्राम पंचायत ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने दें।यह निर्णय लिया गया है कि स्कूली छात्रों को शाम 7 से 9 बजे के बीच घर पर मोबाइल फोन नहीं दिया जाएगा।अगर कोई बच्चा इस दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता हुआ पाया जाता है, तो उसके परिवार को 500 रुपये का जुर्माना देना होगा। गांव के जिला परिषद स्कूल के शिक्षकों की एक टीम हर दिन शाम 7 से 9 बजे के बीच गांव में घूमकर मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर निगरानी रखेगी।बाल मजदूर की फोटो लाने पर 1000 रुपये का इनाम
साथ ही गांव में बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए अभियान चलाया गया है, इसके लिए 'बाल मजदूर दिखाओ और 1000 रुपये पाओ' का नारा दिया गया है।सौंदाला के सरपंच शरद अरगड़े ने कहा है कि अगर कोई बाल मजदूर को देखता है और उसकी फोटो खींचकर ग्राम पंचायत में लाता है तो उसे 1000 रुपये का इनाम दिया जाएगा।ग्राम सेवक प्रतिभा पिसोटे ने कहा कि जुर्माने की राशि का इस्तेमाल लोगों को गाली-गलौज के खिलाफ जागरूक करने के लिए फ्लेक्स बोर्ड लगाने में किया जाएगा
।रजनी मिश्रा।
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