विश्वरंग समारोह : भोपाल से वैश्विक सांस्कृतिक दस्तक
विवेक रंजन श्रीवास्तव
भोपाल का सांस्कृतिक परिदृश्य एक बार फिर विश्वस्तरीय आयोजन की तैयारियों में गुंजायमान है। रवींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित छठवें विश्वरंग अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव की तिथियाँ घोषित हो चुकी हैं। यह भव्य समारोह 27 से 29 नवंबर 2025 तक भोपाल के प्रतिष्ठित रवीन्द्र भवन में आयोजित किया जाएगा। यह महोत्सव अपने सातवें संस्करण में प्रवेश करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है, जिसमें 65 से अधिक देशों के साहित्यकार, कलाकार और विद्वान हिस्सेदारी करेंगे। सितंबर 2025 में आयोजित अंतरराष्ट्रीय समिति की बैठक और पोस्टर लॉन्च ने इस आयोजन के प्रति उत्सुकता को दुनियां भर में बढ़ा दिया है।
विश्वरंग का यह संस्करण साहित्य और कला के बहुरंगी स्वरूप को समर्पित है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति का वैश्विक विस्तार करना है साथ ही नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना है। महोत्सव में साहित्यिक गोष्ठियाँ, काव्य पाठ, संवाद सत्र, नाट्य मंचन, चित्रकला प्रदर्शनी, संगीत समारोह, फिल्म स्क्रीनिंग और नृत्य प्रस्तुतियाँ शामिल हैं। दक्षिण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका महाद्वीपों से आने वाले हिंदी प्रेमी रचनाकार , कलाकार इस आयोजन को वास्तविक अर्थों में अंतरराष्ट्रीय बना रहे हैं। एक विशेष आकर्षण 'विश्वरंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड' का सत्र होगा । जो 65 देशों में आयोजित होने के बाद भोपाल में अपने पूर्णता चरण में पहुँचेगा।
इस भव्य आयोजन की सफलता में प्रमुख भूमिका मुख्य विचार देने वाले कुलाधिपति संतोष चौबे, प्रवासी संकाय के निदेशक डॉ. जवाहर कर्णावट, श्री मुकेश वर्मा, सुश्री ज्योति रघुवंशी , श्री विनय उपाध्याय, तथा विश्वविद्यालय की समूची टीम की है। रवींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के निदेशक मंडल और विश्वरंग फाउंडेशन द्वारा इसकी परिकल्पना को मूर्त रूप में साकार किया जा रहा है। इस आयोजन के पीछे भारतीय बहुभाषिकता और सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देना, हिंदी एवं अन्य भाषाओं का वैश्विक प्रसार करना, लोक एवं समकालीन साहित्य को मंच देना और नई पीढ़ी को भारतीयता के वैश्विक संदर्भों से जोड़ना जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्य निहित हैं।
महोत्सव से पूर्व ही इसकी झलकियाँ देशभर में देखने को मिल रही हैं। मुंबई में 'आरंभ' नामक प्री-इवेंट का सफल आयोजन हुआ, जबकि सितंबर 2025 में श्रीलंका में दो दिवसीय विश्वरंग कार्यक्रम ने इसकी वैश्विक पहुँच को प्रदर्शित किया। विश्वरंग 2025 सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक जीवंत मंच है, जहाँ हिंदी ओलंपियाड, युवा मंच, बच्चों का साहित्य, अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन, चित्रकला, कठपुतली प्रदर्शन और लोक-गीत जैसे अनेकानेक विविध कार्यक्रमों की धूम रहेगी। भारत, अमेरिका , यू के , मॉरिशस, यू ए ई, श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड सहित 65 से ज्यादा देशों के प्रतिभागी इस सांस्कृतिक समागम का हिस्सा बनेंगे।
विश्वरंग 2025 भोपाल शहर को वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने का सफल प्रयास है। यह महोत्सव रवींद्रनाथ टैगोर की सार्वभौमिक दृष्टि और समकालीन भारत की रचनात्मक ऊर्जा का सुंदर समन्वय है। तीन दिनों तक चलने वाला यह सांस्कृतिक उत्सव साहित्य, कला और संस्कृति के प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभूति लेकर आएगा। यह भोपाल से होने वाली वह सांस्कृतिक दस्तक है जो विश्व भर में भारतीय कला और साहित्य की गूंज को पहुँचाएगी। रंगों का यह महाकुम्भ मानवीय संवेदनाओं और सृजनात्मक अभिव्यक्तियों का ऐसा संगम सिद्ध होगा, जो संस्कृति प्रेमियों की स्मृतियों में लंबे समय तक जीवित रहेगा।
विवेक रंजन श्रीवास्तव
दुबई
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