सावधान ! डिजिटल युग की नई ठगी
3 अक्टूबर 2025 को सायं लगभग 4:30 बजे मेरे मोबाइल पर “Hi” लिखकर एक अनजान व्हाट्सऐप संदेश आया। मैंने कोई उत्तर नहीं दिया। कुछ ही क्षण बाद “कुरियर कम्पनी” के नाम से एक कॉल आई, जिसे मैंने मौनव्रत के कारण रिसीव नहीं किया। बार-बार कॉल आने पर मैंने अपने एक कर्मचारी से बात करने को कहा। कॉल करने वाले ने कहा “आपको एक पार्सल डिलीवर करना है, कृपया लोकेशन भेजिए।”
कर्मचारी ने अनजाने में लोकेशन साझा कर दी। बस यही गलती भारी पड़ गई! उस व्यक्ति ने हमारी कॉल को रीडायरेक्ट कर लिया और मेरा व्हाट्सऐप हैक हो गया। फिर मेरे नंबर से मेरे संपर्कों को यह संदेश भेजा गया –“मुझे दो घंटे के लिए कुछ पैसों की जरूरत है, मेरा UPI और Google अकाउंट काम नहीं कर रहा, कृपया तुरंत भेजें।”
मेरे नाम और नंबर से आए संदेश पर विश्वास कर, कुछ शुभचिंतकों ने पैसे भेज दिए और ठगी का शिकार बन गए। एक घंटे बाद जब उन्होंने फोन किया, तब तक देर हो चुकी थी। सच ही कहा गया है — अब पछताये होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।
अब सवाल यह है — हम इस तरह की डिजिटल ठगी से कैसे बचें?
यह समय “स्मार्टफोन” का है, लेकिन ज़रूरत है “स्मार्ट सोच” की।
सिर्फ तकनीक नहीं, सावधानी ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।
सतर्कता एवं बचाव के उपाय
1. अनजान कॉल या मैसेज का उत्तर न दें।
“Hi”, “Hello”, “Courier”, “KYC”, “Verification” जैसे संदेशों से दूर रहें।
2. कॉल करने वाले से कंपनी का नाम, पता और पार्सल भेजने वाले का नंबर पूछें।इससे उसकी असलियत का अंदाजा लग जाता है।
3. कभी भी लोकेशन, OTP या QR कोड साझा न करें।ये जानकारी आपके खाते तक पहुंचने का रास्ता खोल देती है।
4. यदि किसी परिचित के नाम से पैसे मांगने का संदेश आए, तो तुरंत उसे फोन करें।कॉल नहीं लगे तो उसके नजदीकी परिचित से संपर्क करें, पर बिना पुष्टि के पैसा न भेजें।
5. व्हाट्सऐप पर “Two-Step Verification” अवश्य सक्रिय करें।इससे अकाउंट सुरक्षित रहेगा।
संदेश का सार
सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।
डिजिटल युग में जागरूकता ही सुरक्षा है। भगवान महावीर ने कहा है —
“जाग्रत होकर विवेकपूर्ण निर्णय ही सही कर्म है।” आइए, हम स्वयं सतर्क रहें, अपने परिवार और समाज को भी जागरूक करें। रोकथाम हमेशा उपचार से बेहतर होती है।
सुगालचन्द जैन, चेन्नई
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