| Sat, Oct 31, 4:05 PM (1 day ago) | ![]() ![]() | ||
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उससे शुभ है, लाभ है हानि नहीं
गंगाजल सी है महज पानी नहीं
लाख बेटे की करो मन्नत मगर
जग में बेटी का कोई सानी नहीं
जग में बेटी का कोई सानी नहीं
वो दया-करूणा की मीठी धूप है
त्याग-धीरज है अतुल संसार में
मन में वो रखती नहीं कुछ भी कभी
शिकवे सारे जाते धुल एकबार में
बाद शादी के जहां जाती है वो
प्रेम से जाती है घुल घर-बार में
अपने कर्मों की सघन ज्योति से वो
रौशनी देती है कुल परिवार में
वो बोल है मीठी कटु वाणी नहीं
जग में बेटी का कोई सानी नहीं
मन में दुखों का बहे सागर मगर
धार अविचल सी सदा बहती है वो
वो भले ही मुंह से कुछ न कहे
मन ही मन संतापों को सहती है वो
बांटती खुशियां सदा सबको मगर
दर्द अपना ना कभी कहती है वो
उस सा जग में कोई भी दानी नहीं
जग में बेटी का कोई सानी नहीं
विक्रम कुमार " अजेय "
मनोरा, वैशाली (बिहार)
मो. नं. - 6200597103
उससे शुभ है, लाभ है हानि नहीं
गंगाजल सी है महज पानी नहीं
लाख बेटे की करो मन्नत मगर
जग में बेटी का कोई सानी नहीं
वो दया-करूणा की मीठी धूप है
त्याग-धीरज है अतुल संसार में
मन में वो रखती नहीं कुछ भी कभी
शिकवे सारे जाते धुल एकबार में
बाद शादी के जहां जाती है वो
प्रेम से जाती है घुल घर-बार में
अपने कर्मों की सघन ज्योति से वो
रौशनी देती है कुल परिवार में
वो बोल है मीठी कटु वाणी नहीं
जग में बेटी का कोई सानी नहीं
मन में दुखों का बहे सागर मगर
धार अविचल सी सदा बहती है वो
वो भले ही मुंह से कुछ न कहे
मन ही मन संतापों को सहती है वो
बांटती खुशियां सदा सबको मगर
दर्द अपना ना कभी कहती है वो
उस सा जग में कोई भी दानी नहीं
जग में बेटी का कोई सानी नहीं
विक्रम कुमार " अजेय "
मनोरा, वैशाली (बिहार)
मो. नं. - 6200597103

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