धरती हमारी स्वर्ग से सुंदर धरती हमारी स्वर्ग से सुंदर नव-निधियों की खान मां सहनशीलता का पाठ पढ़ाती मिलजुल कर रहना सिखाती मां अपरिमित सौंदर्य का सागर अन्नपूर्णा, हमारी प्यारी मां जन्मदात्री,सबका बोझ उठाती पल-पल दुलराती,सहलाती मां विपत्ति की घड़ी में धैर्य बंधाती प्यार से सीने से लगाती मां कैसे बयान करूं उसकी महिमा शब्दों का मैं अभाव पाती मां मानव की बढ़ती लिप्सा देख रात भर वह आंसू बहाती मां सरेआम शील-हरण के हादसे उसके अंतर्मन को कचोटते मां अपहरण, फ़िरौती के किस्से मर्म को भेदते,आहत करते मां पाप,अनाचार बढ़ रहा बेतहाशा विद्रोह करना चाहती घायल मां मत लो उस के धैर्य की परीक्षा सृष्टि को हिलाकर रख देगी मां आओ! वृक्ष लगा कर धरा को स्वच्छ बनाएं,हरित-क्रांति लाएं प्लास्टिक का त्याग करें हम पानी को बचाने की मुहिम चलाएं वायु-प्रदूषण बना सांसों का दुश्मन नदियां का जल भी विषैला हुआ पर्यावरण की रक्षा हित हम सब मानसिक प्रदूषण को भगाएं मां दुष्प्रवृत्तियां स्वत: मिट जाएंगी ज़िंदगी को उत्सव सम मनाएं मां डॉ• मुक्ता.. |
धरती हमारी स्वर्ग से सुंदर
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