दोस्तों.. हवाओं से शब्द चुराकर उन्हें क़लम की जुबां से बोल लेता हूॅ. . कुछ इस अंदाज से हज़ूर अपने राज-ए-दिल खोल लेता हूॅ.. अब आप सोचेंगे कैसे..? पढ़िेए सरकार वो ऐसे..!! रिश्ते जुबां के रह गए हैं आज दिल से कौन निभाता है..! मेरे शब्द दिल की जुबां होते हैं कोई कोई समझ पाता है..! मुझे न अदावत लिखने का शौक़ है न मोहब्बत लिखने का..! इन हवाओं से जो महसूस करता *कमल* वहीं लिख जाता हैं..! वो जो कहता था ताउम्र निभाएंगे प्रीत का बंधन ये मीत..! तनिक उल्टी हवा क्या चली वो बात करने से घबराता है..! कई सिरफिरे मुझे कहते हैं मैं धर्म विशेष पर क्यो नही लिखता..! हर धर्म मेरे लिए ईश्वर ईश रब खुदा और मेरा दाता हैं..! नफ़रतो से कभी नफरतें नहीं मिटती ये इतिहास बताता है..! मोहब्बत के दरख़्त जो बोता हैं वो मोहब्बत के फल पाता है.. कमल सिंह सोलंकी रतलाम मध्यप्रदेश |
क़लम की जुबां
Featured Post
महावीर तपोभूमि उज्जैन में द्वि-दिवसीय विशिष्ट विद्वत् सम्मेलन संपन्न
उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...

Popular
-
चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर जी महाराज की दीक्षा शताब्दी वर्ष पर विशेष चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर जी महाराज पर तिर्यंचोंकृत...
-
स्मित रेखा औ संधि पत्र 'आंसू से भीगे आंचल पर/ मन का सब कुछ रखना होगा/ तुझको अपनी स्मित रेखा से/ यह संधि पत्र लिखना होगा ' कामायनी ...
-
* नैतिक मूल्यों का बढ़ता अवमूल्यन* *डॉ ममता जैन पुणे* ईश्वर द्वारा रची गई सृष्टि की सर्वोत्तम कृति है मानव क्योंकि मानव एक बौद्धिक व ...
-
(14 फरवरी 2019 को कश्मीर की राजधानी पुलवामा में crpf के काफिले पर आत्मघाती हमले में शहीद हुए अमर शहीदों को नमन) जल उठा कश्मीर,इक आतंकी हमला ...
-
जहाँ प्यार और श्रद्धा, रब का वही निवास । स्वर्ग वही है भाईयों, वही एक है खास ।। प्यार और श्रद्धा, से जीतें विश्वास । ईमान इसी पर...
No comments:
Post a Comment